Tuesday, February 25, 2025
Tuesday, February 25, 2025
Home Health Health Alert: 18 से 44 की उम्र वाले हैं तो सावधान, ऐसे लोगों में 15% तक बढ़ गया है इस जानलेवा समस्या का खतरा

Health Alert: 18 से 44 की उम्र वाले हैं तो सावधान, ऐसे लोगों में 15% तक बढ़ गया है इस जानलेवा समस्या का खतरा

by
0 comment

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Tue, 18 Jun 2024 12:45 PM IST

हृदय रोग दुनियाभर में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक हैं, हर साल इसके कारण लाखों लोगों की मौत हो जाती है। हालांकि सिर्फ हार्ट अटैक ही स्वास्थ्य विशेषज्ञों की एक मात्र चिंता नहीं है, पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक स्तर पर स्ट्रोक के कारण मौत के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि युवा आबादी में हार्ट अटैक के साथ स्ट्रोक के मामले भी बढ़ रहे है। 18 से 44 की आयु वालों में स्ट्रोक के मामले 15 फीसदी तक बढ़े हैं। 

सीडीसी की रिपोर्ट के मुताबिक 65 वर्ष से कम आयु के लोगों में स्ट्रोक का जोखिम पिछले एक दशक में बढ़ा है। हालिया आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि 18 से 44 वाले लोग भी इसके शिकार हो रहे हैं। स्ट्रोक जानलेवा तो है ही, वहीं स्ट्रोक से जान बच जाने की स्थिति में लकवा, मस्तिष्क-तंत्रिकाओं से संबंधित विकार सहित कई कई अन्य गंभीर समस्याओं का जोखिम भी रहता है। 

युवाओं में स्ट्रोक का खतरा

स्ट्रोक को कुछ दशकों पहले तक उम्र बढ़ने के साथ होने वाली समस्या के रूप में जाना जाता था, हालांकि अब कम उम्र के लोग भी इसके शिकार हो रहे हैं। विशेषज्ञों ने कहा, स्ट्रोक के बढ़ते मामलों के साथ-साथ इस आयु वर्ग में मोटापा और उच्च रक्तचाप दोनों में वृद्धि हुई है। ये दोनों ही स्थितियां स्ट्रोक के खतरे को और भी बढ़ा देती हैं। 

स्टैनफोर्ड मेडिकल सेंटर में विभाग निदेशक ग्रेगरी डब्ल्यू. अल्बर्स बताते हैं, युवा आबादी में हाल के वर्षों में ऐसे जोखिम कारक बढ़ते देखे गए हैं जो सीधे तौर पर स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाने वाले माने जा रहे हैं। 2011-2013 और 2020-2022 के स्व-रिपोर्ट किए गए स्वास्थ्य डेटा की तुलना करते हुए शोधकर्ताओं ने पाया कि स्ट्रोक के मामलों में लगभग 8% की वृद्धि हुई है। इसके जोखिम कारकों को लेकर अलर्ट रहने की जरूरत है।

18-44 वर्ष की आयु वालों में बढ़ा जोखिम

सीडीसी की रिपोर्ट में कहा गया, 18-44 वर्ष की आयु के लोगों में स्ट्रोक के मामलों में 14.6% जबकि 45-64 श्रेणी के वयस्कों में यह दर 15.7% तक बढ़ गई है। तुलनात्मक रूप से देखें तो पता चलता है कि 2000 से 2018 के बीच 45-64 वर्ष की आयु के वयस्कों में उच्च रक्तचाप वाले लोगों की संख्या में 6% से अधिक की वृद्धि हुई है, जो स्ट्रोक के लिए प्रमुख जोखिम कारक है।

वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में न्यूरोलॉजी विभाग के सहायक प्रोफेसर मैथ्यू एस. श्राग कहते हैं, स्ट्रोक के बढ़ते मामलों के लिए उच्च रक्तचार को प्रमुख कारक माना जा रहा है। युवाओं में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ी है। लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी देखी जा रही है। हमें व्यापक स्तर पर स्ट्रोक के जोखिम कारकों में सुधार को लेकर प्रयास करने की जरूरत है।

स्ट्रोक के खतरे को कैसे कम करें?

स्ट्रोक के खतरे को कैसे कम किया जा सकता है इसको लेकर किए गए एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने बताया कि उच्च रक्तचाप, स्ट्रेस और डायबिटीज को नियंत्रित रखना स्ट्रोक की रोकथाम के लिए जरूरी है। इसके साथ ये भी आवश्यक है कि आप आहार में भी सुधार करें। साइंस डेली जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने बताया कि आहार में फाइबर वाली चीजों की मात्रा बढ़ाने से मदद मिल सकती है। दैनिक फाइबर सेवन में सात ग्राम की वृद्धि करके भी स्ट्रोक के जोखिम में सात प्रतिशत तक की कमी लाई जा सकती है।

कोलेस्ट्रॉल-ब्लड प्रेशर पर रखें खास ध्यान

अच्छी दिनचर्या और स्वस्थ आहार का पालन करके हृदय रोग और स्ट्रोक दोनों से बचाव किया जा सकता है। इन दोनों से बचाव के लिए जरूरी है कि आप कोलेस्ट्रॉल-ब्लड प्रेशर के स्तर की नियमित जांच करते रहें और इसे कंट्रोल में रखने के लिए उपाय करते रहें। जिन लोगों का ब्लड प्रेशर अक्सर अनियंत्रित रहता है उनमें इन दोनों प्रकार की जानलेवा स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा अधिक देखा जाता रहा है। 

————-
स्रोत और संदर्भ
Aging and ischemic stroke

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

You may also like

Leave a Comment

About Us

Welcome to janashakti.news/hi, your trusted source for breaking news, insightful analysis, and captivating stories from around the globe. Whether you’re seeking updates on politics, technology, sports, entertainment, or beyond, we deliver timely and reliable coverage to keep you informed and engaged.

@2024 – All Right Reserved – janashakti.news/hi

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.