इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर में एक हास्य योग टीचर को मंच पर गाते-गाते साइलेंट अटैक आया था। मौके पर ही हास्य योग टीचर बलविंदर सिंह छाबड़ा की हार्ट अटैक से मौत हो गई है। योग टीचर मां तुझे सलाम गीत पर आर्मी की वर्दी में परफॉर्म कर रहे थे। इस दौरान वह अचानक से गिर पड़ते हैं। इस दौरान मंच के नीचे मौजूद लोग इस एक्ट का हिस्सा समझते हैं और ताली बचाते रहते हैं। थोड़ी देर बाद जब लोग उनके पास पहुंचते हैं तो कोई जवाब नहीं मिलता है। नवभारत टाइम्स.कॉम की टीम ने योग केंद्र में मौजूद प्रत्यर्शी और इसके आयोजक से बात की है कि ये सब कैसे हुआ है।
ये था कार्यक्रम
दरअसल, फूटी कोठी स्थित अग्रसेन धाम पर आस्था योग क्रांति अभियान द्वारा निःशुल्क योग शिविर आयोजित किया गया था। इसी दौरान स्टेज पर तिरंगा लेकर एक गाने पर हास्य योग टीचर छाबड़ा प्रस्तुति दे रहे थे। वे स्टेज से नीचे आकर भी परफॉर्मेंस दी। फिर वापस स्टेज पर चढ़े और अचानक लड़खड़ाकर गिर पड़े। कुछ मिनट तक यूं ही वे बेहोश रहे। लोगों को लगा कि वे देश भक्ति गानों पर परफॉर्म कर रहे हैं। लेकिन कुछ मिनट तक रिस्पांस नहीं मिलने पर वहां मौजूद लोग उनके पास पहुंचे और उन्हें सीपीआर दिया। फिर नजदीकी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर की टीम ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया।
क्या हुआ था कार्यक्रम
इस योग शिविर के आयोजक राजकुमार जैन हैं। उन्होंने नवभारत टाइम्स.कॉम से खास बात करते हुए कहा कि शुक्रवार को वह देश भक्ति गीतों पर म्यूजिक सिस्टम के साथ प्रस्तुति देने आए थे। मैं ही उस कार्यक्रम का वीडियो रेकॉर्ड कर रहा था। सबसे पहले कार्यक्रम में मंच पर वही आए थे और भारत माता के नाम से उन्होंने शुरुआत की थी। वह बहुत शानदार प्रस्तुति दे रहे थे, लोग खूब तालियां बजा रहे थे। दो मिनट की प्रस्तुति के बाद वह झंडा को साइड में रखकर धीरे-धीरे नीचे गिरने लगे। वह जब नीचे गिर गए तो मुझे और अन्य लोगों को भी यह लगा कि यह प्रस्तुति का हिस्सा है। एक-डेढ़ मिनट बाद जब वह नहीं उठे तो हमें कुछ शंका हुआ। हमने उन्हें हिलाया तो वह हिले नहीं। फिर उन्हें सीपीआर दिया तो वह उठकर बैठे। फिर पूछा कि हमें क्या हुआ और लड़खड़ाते हुए गिर पड़े।
पास के अस्पताल में डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया
उन्होंने बताया कि इसके बाद हमें हार्ट अटैक का शक हुआ। हम लोग फिर उन्हें पास के अस्पताल ले गए। हरिअंत हॉस्पिटल फिर हम उन्हें ले गए और लोगों ने ईसीजी किया। डॉक्टरों ने कोशिश की लेकिन वह नहीं रहे।
फौज में जाना चाहते थे लेकिन जा नहीं पाए
इसके साथ ही आयोजक राजकुमार जैन ने बताया कि मृतक छाबड़ा के बेटे ने बताया है कि वह फौज में जाना चाहते थे लेकिन उनका सपना पूरा नहीं हो पाया। इसके बाद वह आर्मी की वर्दी में हास्य योग शिविर लगाने लगे। साथ ही योग शिविर में देशभक्ति गीतों पर प्रस्तुति देने लगे। आयोजक ने कहा कि पहली बार वह हमारे कार्यक्रम में आए थे।
2008 में उनका बायपास हुआ था
उन्होंने यह भी कहा कि 2008 में उनका बायपास हुआ था। वह कोई भारी प्रस्तुति भी नहीं दे रहे थे केवल झंडा लहरा रहे थे। यह हदासा संयोगवश हुआ है। आयोजक ने कहा कि उन्होंने अपनी बीमारी के बारे में कुछ नहीं बताया। उनकी आंखें और चमड़ी दान की गई है। अंगदान का सर्टिफिकेट उनकी जेब में था।