Saturday, November 30, 2024
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Home SI पेपरलीक के आरोपियों को ‘सुप्रीम’ झटका, जमानत के लगाई गई याचिका सर्वोच्च अदालत ने की खारिज

SI पेपरलीक के आरोपियों को ‘सुप्रीम’ झटका, जमानत के लगाई गई याचिका सर्वोच्च अदालत ने की खारिज

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जयपुर: सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 के पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किए गए ट्रेन सब इंस्पेक्टर को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने 11 ट्रेनी एसआई और एक कांस्टेबल की याचिका को सुनवाई करने से इनकार करते हुए खारिज कर दिया। पूर्व में इन 11 ट्रेनी एसआई और एक कांस्टेबल को निचली अदालत ने जमानत दे दी थी जिसके बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने इन सभी 12 आरोपियों की जमानत के आदेश को रद्द कर दिया था। राजस्थान हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ इन 11 एसआई और एक कांस्टेबल की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब राजस्थान हाई कोर्ट इस मामले में डीजीपी को निर्देश दे चुका है कि अवैध हिरासत के संबंध में वे रिपोर्ट पेश करें। इसके बावजूद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने का क्या औचित्य है।

8 मई को हाईकोर्ट ने खारिज की थी जमानत

एसआई भर्ती 2021 पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किए गए 11 ट्रेनी एसआई और एक कांस्टेबल की जमानत पिछले दिनों निचली अदालत ने स्वीकार कर ली थी। आरोपियों के वकील ने दलील दी कि एसओजी ने इन्हें अवैध रूप से हिरासत में रखा। इसी दलील के आधार पर इन्हें जमानत दे दी गई थी। आरोपी जेल से बाहर आते इससे पहले ही एसओजी ने हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र लगा दिया। जिस पर सुनवाई हुई तो हाईकोर्ट ने 8 मई को सुनवाई करते हुए 11 एसआई और 1 कांस्टेबल की जमानत को खारिज कर दिया। बाद में हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगा दी लेकिन वहां से भी उन्हें राहत नहीं मिली।

ट्रायल कोर्ट में जमानत याचिकाएं खारिज हो चुकी – एएजी

याचिका में आरोपियों ने संविधान के अनुच्छेद 32 के प्रावधानों का उल्लेख करते हुए रिहा करने की गुहार लगाई थी। इसके जवाब में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और एएजी शिवमंगल शर्मा ने कहा कि संविधान के इस प्रावधान के तहत आरोपियों को अंतरिम जमानत नहीं मिल सकती, क्योंकि वे पहले ही ट्रायल कोर्ट में जमानत की याचिकाएं दाखिल कर चुके हैं जहां उनकी जमानत याचिकाएं खारिज हो चुकी है। संविधान में प्रदत्त प्रावधानों के अनुसार वे इस मामले में रिहाई के अधिकारी नहीं हैं। दोनों पक्षों की दलील सुनकर सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों की गुहार नहीं मानी जिसके बाद आरोपियों की ओर से याचिकाएं वापस ले ली गई। ऐसे में याचिकाएं स्वत ही खारिज हो गई।

हाईकोर्ट दे चुका है डीजीपी को निर्देश
ट्रेनी सब इंस्पेक्टर्स को अवैध हिरासत में रखे जाने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट पूर्व में ही राजस्थान के डीजीपी को निर्देश दे चुके हैं। हाईकोर्ट ने डीजीपी से अवैध हिरासत के बिंदु तय करके हाईकोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए हैं। 15 जुलाई तक डीजीपी को अपना जवाब हाईकोर्ट में पेश करना है।

खुशेंद्र तिवारी

लेखक के बारे में

खुशेंद्र तिवारी

नवभारत टाइम्स डिजिटल में राजस्थान के लिए काम करता हूं। पत्रकारिता की शुरुआत प्रिंट माध्यम से की। राजस्थान पत्रिका जयपुर में शिक्षा , कला , एंटरटेनमेंट और पॉजिटिव खबरों को लेकर काम किया। गुलाबी नगरी (जयपुर) का वासी, राजनीति और कला में विशेष रुचि।… और पढ़ें

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