निठारी कांड: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा एक्शन! मनिंदर पंधेर, सुरेंद्र कोली के साथ UP सरकार को जारी किया नोटिस
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निठारी कांड: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा एक्शन! मनिंदर पंधेर, सुरेंद्र कोली के साथ UP सरकार को जारी किया नोटिस

नई दिल्ली. गौतमबुद्ध नगर के निठारी गांव में घर के पिछवाड़े कई कंकाल मिलने से खुले कई हत्याकांड के अभियुक्तों मनिंदर सिंह पंधेर और सुरेंद्र कोली के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा एक्शन लिया है. मनिंदर सिंह पंधेर और सुरेंद्र कोली को बरी किए जाने को चुनौती देने वाली अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और अभियुक्तों को नोटिस देकर जवाब तलब किया है. इनको निचली अदालत ने मृत्यु दण्ड देने का फैसला किया था. लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले साल अक्टूबर में दोनों को बरी कर दिया. जस्टिस भूषण आर गवई, जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने मारी गई लड़कियों में से एक के पिता पप्पू लाल की एसएलपी पर सुनवाई करते हुए यह नोटिस जारी किया है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोली को हत्या और उनके सबूत नष्ट करने के 12 मामलों में और पंधेर को दो मामलों में सुनाए गए मृत्युदंड का फैसला पलट दिया था. पप्पू लाल ने अपनी अपील में कहा कि हाईकोर्ट ने आश्चर्यजनक रूप से सभी मेडिकल सबूतों और मजिस्ट्रेट के सामने दोनों के अपराध कबूल करने के बयान भी अस्वीकार कर दिए. इन उपरोक्त सबूतों के साथ अभियोजन पक्ष ने परिस्थिति जन्य साक्ष्य सिद्ध किए थे, तभी ट्रायल कोर्ट ने उनको सजा सुनाई. लेकिन हाईकोर्ट ने इन सभी को सिरे से दरकिनार कर दिया.
याचिकाकर्ता की वकील सीनियर एडवोकेट गीता लूथरा ने कोर्ट को बताया कि निठारी में 2005 से 2006 के बीच ये घटनाएं हुईं. जिनमें पहले बच्चे और लड़कियां अचानक गायब होने लगीं. फिर दिसंबर 2006 में उनके कंकाल अभियुक्तों और फिर दोषी ठहराए गए पंधेर के घर के पिछवाड़े से बरामद हुए. घेरलू सहायक सुरेंद्र कोली पंधेर का इस अपराध में सहयोगी था. सीबीआई ने इस मामले की गहराई से जांच की. इन सभी मामलों में सुरेंद्र कोली को अपहरण, हत्या, रेप और सबूत छुपाने का अभियुक्त बनाया गया. जबकि पंधेर को बच्चों और लड़कियों की तस्करी कर उन्हें वेश्यावृत्ति के धंधे में भेजने का आरोपी बनाया गया. जुलाई 2017 में सीबीआई की विशेष अदालत में जज पवन कुमार तिवारी की कोर्ट ने दोनों को 20 वर्षीय युवती पिंकी सरकार की हत्या का दोषी मानते हुए सजा सुनाई.
इससे पहले 2009 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रिंपा हालदार हत्याकांड में कोली को दोषी माना था. लेकिन पंधेर को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था. इसके खिलाफ कोली की अपील सुप्रीम कोर्ट ने 2011 में और रिव्यू 2014 में खारिज कर दी थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट में 2015 में तब के चीफ जस्टिस और मौजूदा समय में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली पीठ ने कोली की दया याचिका के निपटारे में हो रही देरी के आधार पर सजा में राहत दी थी.
Tags: Allahabad high court, Noida crime, Noida Nithari Kand, Supreme Court
FIRST PUBLISHED :
May 4, 2024, 19:09 IST