भारतीय समुद्र में आमतौर पर प्री मॉनसून और मॉनसून के समय तूफान आते हैं. ये तूफान अरब सागर या बंगाल की खाड़ी के ऊपर बनते हैं. इस साल प्री मॉनसून यानी अप्रैल महीने से जून के बीच (जब तक भारत में मॉनसून मजबूत नहीं हो जाता) तक कोई तूफान आने के आसार नहीं हैं. हालांकि मॉनसून में इस बार जमकर तूफान आने वाले हैं.
मॉनसून सीजन में 22 बार हाई टाइड का अलर्ट
दरअसल, मुंबई नगर निकाय ने मंगलवार को कहा कि मुंबई में आगामी मॉनसून के मौसम में 4.84 मीटर से ऊपर 22 हाई टाइड आने की संभावना है. ये हाई टाइड जून और सितंबर 2024 के बीच आने की उम्मीद है. इससे मुंबई के निचले इलाकों में आमतौर पर बाढ़ आ जाती है. ऐसा तब होता है जब भारी बारिश के साथ हाई टाइड आता है.
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4.84 मीटर तक उठेंगी लहरें
जून में सात दिन 4.5 मीटर से अधिक हाई टाइड आएगा. जुलाई में ऐसे चार दिन होंगे और अगस्त में पांच दिन और सितंबर में छह दिन होंगे. 20 सितंबर को सुबह 1:03 बजे हाई टाइड 4.84 मीटर तक पहुंचने की उम्मीद है. इस दौरान नगर निकाय ने नागरिकों से मॉनसून के दौरान समुद्र तटों पर जाते समय सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करने का आग्रह किया है.
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पिछले साल इन तूफानों ने मचाई थी तबाही
बता दें कि पिछले साल तूफान ‘बिपरजॉय’ जून में अरब सागर के ऊपर उठा था और 16 जून 2023 को नलिया को पार करते हुए अपनी पूरी ताकत के साथ गुजरात तट से टकराया था. इससे पहले पिछले साल 2023 में बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान ‘मोचा’ आया था. लंबी समुद्री यात्रा के बाद तूफान म्यांमार की ओर बढ़ गया और 14 मई 2023 को सितवे के पास तट को पार कर गया.
5 सालों से अप्रैल में नहीं आया कोई तूफान, मई में भी आसार नहीं
इस बार अप्रैल के महीने में कोई तूफान नहीं आया और मई में भी किसी प्री-मानसून तूफान के आसार नहीं हैं. हालांकि अप्रैल की तुलना में मई में प्री-मानसून तूफान अधिक आते हैं. अरब सागर की तुलना में बंगाल की खाड़ी के ऊपर इनकी संख्या अधिक होती है. लेकिन पिछले 5 सालों से अप्रैल महीने में भारतीय समुद्र में कोई तूफ़ान नहीं बना है. रिकॉर्ड के अनुसार, आखिरी बार अप्रैल 2019 में बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान ‘फानी’ था. फानी एक कैट-वी समकक्ष तूफान था, जो 26 अप्रैल 2019 को बना था. यह चक्रवात एक लंबी समुद्री यात्रा करते हुए 3 मई को पूरी को पार करने के बाद ओडिशा के पास तट से टकराया था.