कानपुर: पिता ने तलाक के बाद ढ़ोल-नगाड़ों के साथ बेटी की ससुराल से कराई विदाई, जानिए क्या था पूरा केस
Kanpur Crime News: कानपुर में एक पिता ने दहेज लोभियों को ऐसा सबक सिखाया है, जिसकी हर तरफ जमकर तारीफ हो रही है। तलाक के बाद पिता बेटी को ढ़ोल नगाड़ों के साथ विदा कराकर वापस घर ले आए। ससुराल वाले फ्लैट और कार की मांग कर रहे थे। इसके साथ ही उसके रंगरूप को लेकर ताने भी मारते थे।
सुमित शर्मा, कानपुर: यूपी के कानपुर से एक परिवार ने दहेज लोभियों के मुंह में करारा तमाचा मारा है। विवाहिता आठ साल से घुट-घुट कर जीने को मजबूर थी। तलाक के बाद पिता बेटी को ससुराल से ढ़ोल-नगाड़ों के साथ विदा कर वापस घर ले आए। पिता का कहना कि जिस तरह से बेटी को विदा किया था, उसी प्रकार बेटी को ससुराल से बैंड बाजा-ढ़ोल नगाड़ों के साथ विदा करारक घर वापस ले आए हैं।
किदवई नगर थाना क्षेत्र स्थित निराला नगर में रहने वाले अनिल सविता बीएसएनएल से रिटायर हैं। उन्होंने अपनी इकलौती बेटी उर्वी की शादी 31 जनवरी 2016 को चकेरी के विमाननगर में रहने वाले आशीष रंजन से की थी। उर्वी इंजीनियर है और दिल्ली के पालम एयरपोर्ट में कार्यरत है। उर्वी का पति आशीष कम्प्यूटर इंजीनियर है और दिल्ली में जॉब करता है। शादी के बाद दोनों दिल्ली में रहने लगे थे। पिता का आरोप है कि शादी के बाद ससुराल वाले अतिरिक्त दहेज के रूप में कार-फ्लैट की मांग करने लगे। इसके साथ ही उसके रंगरूप को लेकर ससुराल वाले ताने मारने लगे।
बेटी को जन्म देने से पति हुआ अलग
अनिल कुमार ने बताया कि ससुराल वाले बेटी को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया, उसे मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान किया जाने लगा। बेटी के भविष्य को देखते हुए मैंने दिल्ली में एक फ्लैट खरीद कर दिया, जिसे दामाद अपने नाम कराना चाहता था। इसी बीच 2019 में उर्वी ने बेटी को जन्म दिया। बेटी का जन्म होने से पति और ससुरालीजनों ने ताने मारना शुरू कर दिया। उर्वी का पति कहता था कि मुझे बेटा चाहिए था, उसने नवजात बच्ची और उर्वी से दूरी बना ली। इसके बाद अलग रहने लगा।
दीवारों और घरों में डाले संदेश पत्र
अनिल ने बताया कि बीते 28 फरवरी को बेटी का तलाक हो गया था। रविवार को परिवार के सभी लोग इकठ्ठा होकर ढ़ोल नगाड़ों के साथ बेटी के ससुराल पहुंचे। जहां उर्वी ने ससुराल के गेट पर चुनरी बांधी। चुनरी बांधते हुए, बेटी की आंखों में आंसू थे। इसके बाद जिस प्रकार बेटी को विदा किया था, उसी तरह ढ़ोल नगाड़ों के साथ बेटी को विदा कराकर घर वापस ले आया हूं। इस दौरान उर्वी के चचेरे भाईयों ने ससुराल की दीवार पर एक संदेश भी लिखा। इसमें लिखा था कि आशीष तुम्हारे घर पर कभी खुशियां न लौटें। इसके साथ संदेश पत्र भी लोगों के घरों डाले गए।
उर्वी ने समाज को दिया संदेश
उर्वी ने समाज को संदेश देते हुए कहा कि विषम परिस्थितियों में माता-पिता को बेटियों का साथ नहीं छोड़ना चाहिए। आज भी समाज में लड़कियों की स्थिति बद से बत्तर है। ऐसे लोगों का विरोध जरूर करना चाहिए। समाज के सामने उनका पर्दाफाश जरूर करना चाहिए। दहेज लोभी बेटियों की जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं। बीते आठ साल से घुट-घुट कर जी रही थी। मासूम बेटी के साथ मैं अपनी जिंदगी जी लूंगी।