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Dengue: कर्नाटक के उडुपी में डेंगू के मामलों में वृद्धि, जिला स्वास्थ्य विभाग ने शुरू किया लार्वा सर्वेक्षण

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उडुपी Published by: जलज मिश्रा Updated Sun, 28 Apr 2024 07:34 PM IST

उडुपी के वेक्टर-जनित रोग नियंत्रण अधिकारी डॉ. प्रशांत भट्ट ने आसपास स्वच्छता रखने और पानी जमा न होने देने पर जोर दिया है। उन्होंने बताया कि लार्वा आमतौर पर जमा पानी, कूलर और टायरों में पाए जाते हैं।

Increase in dengue cases in Udupi district health department starts larva survey

डेंगू – फोटो : amarujala

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कर्नाटक के उडुपी में डेंगू के मामलों में बारिश के बाद अचानक वृद्धि हो गई है, जिससे अधिकारी अलर्ट हो गए हैं। डेंगू के प्रकोप को देखते हुए जिले के स्वास्थ्य विभाग ने व्यापक लार्वा सर्वेक्षण शुरू किया है। शहरी क्षेत्रों में लार्वा संक्रमण अधिक होने की आशंका है। विभाग लार्वा विरोधी और मच्छर उन्मूलन कार्यक्रम चल रहा है। 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल जनवरी से अब तक उडुपी में डेंगू के 47 मामले सामने आए हैं। पिछले साल डेंगू के कुल मामलों की संख्या 635 थी। उडुपी के वेक्टर-जनित रोग नियंत्रण अधिकारी डॉ. प्रशांत भट्ट ने आसपास स्वच्छता रखने और पानी जमा न होने देने पर जोर दिया है। उन्होंने बताया कि लार्वा आमतौर पर जमा पानी, कूलर और टायरों में पाए जाते हैं। डेंगू से बचने के लिए हमें आस पास के इलाकों में नजर रखनी होगी और मच्छरों के प्रजनन स्थल की पहचान करते हुए उसे नष्ट करना होगा। 

डेंगू के लक्षणों की समय पर पहचान करें?
डेंगू के लक्षणों पर समय पर ध्यान देकर बीमारी को गंभीर रूप लेने से रोका जा सकता है। डेंगू के लक्षण शुरुआत में फ्लू के जैसे हो सकते हैं, ऐसे में इनमें अंतर करना आवश्यक हो जाता है। संक्रमित मच्छर के काटने के चार से 10 दिन में इसके लक्षण शुरू हो सकते हैं। इसमें तेज बुखार की समस्या सबसे अधिक देखी जाती है। बुखार 104 फारेनहाइट के करीब हो सकता है। बुखार के साथ सिरदर्द, मांसपेशियों, हड्डी या जोड़ों का दर्द, जी मिचलाना, उल्टी, आंखों के पीछे दर्द और त्वचा पर लालिमा की समस्या भी हो सकती है। 

कमजोर इम्युनिटी वालों में खतरा
अध्ययनों से पता चलता है कि जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है उनमें अन्य लोगों की तुलना में डेंगू के लक्षणों के गंभीर रूप लेने का खतरा अधिक हो सकता है। ऐसे लोगों में  प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगते हैं और इनको रिकवर होने में अन्य लोगों की तुलना में अधिक समय लग सकता है। कमजोर इम्युनिटी वालों को डेंगू से बचाव को लेकर विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता होती है।

डेंगू से बचाव के लिए क्या करें?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक डेंगू से बचाव के लिए मच्छरों से सुरक्षित रहने के उपाय करना बहुत आवश्यक है। इसके लिए पूरी बाजू के कपड़े पहनकर रखने चाहिए। घर के आस-पास मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए कीटनाशकों का छिड़काव करें, खाली बर्तनों में पानी जमा न होने दें और रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। डेंगू के खतरे से बचे रहने कि लिए इम्युनिटी को मजबूत करने के उपाय करना भी जरूरी है।

(नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है।)

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