सीडीएस जनरल अनिल चौहान – फोटो : पीटीआई
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भारत के सीडीएस अनिल चौहान बीते हफ्ते फ्रांस के अहम दौरे पर रहे। सीडीएस का फ्रांस दौरा शनिवार को समाप्त हो गया। इस दौरान सीडीएस ने फ्रांस की शीर्ष रक्षा कंपनियों दसॉल्ट एविएशन, सफरान और नेवल ग्रुप का दौरा किया। भारत की सैन्य क्षमताओं के निर्माण के उद्देश्य से सीडीएस का फ्रांस दौरा अहम है।
रक्षा सौदों पर हुई चर्चा
रविवार को रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान का फ्रांस दौरा पूरा हो गया है, जो भारत की फ्रांस के साथ दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी की पुष्टि करता है। भारत, फ्रांस से 26 राफेल (मरीन जेट) लड़ाकू विमानों के साथ ही तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की खरीद कर रहा है। बीते साल जुलाई में भारत के रक्षा मंत्रालय ने इस सौदे को मंजूरी दी थी। इन राफेल फाइटर जेट को आईएनएस विक्रांत पर तैनात किया जाएगा। प्रोजेक्ट 75 के तहत छह स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का निर्माण भारत में ही फ्रांस के नेवल ग्रुप की मदद से किया गया है। बीते कुछ वर्षों में भारत और फ्रांस के रक्षा सहयोग में बढ़ोतरी हुई है।
रणनीतिक सहयोग बढ़ा रहे भारत-फ्रांस
दोनों देश आधुनिक रक्षा तकनीक पर साथ मिलकर काम करने की संभावनाओं पर चर्चा कर रहे हैं, जिनसे अन्य देशों को भी फायदा मिले। अपने फ्रांस दौरे पर सीडीएस अनिल चौहान ने फ्रांस के नागरिक और सैन्य नेतृत्व से मुलाकात की और दोनों देशों में रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। सीडीएस ने फ्रांस की सिविल और मिलिट्री कैबिनेट के डायरेक्टर पैट्रिक पैलोक्स, चीफ ऑफ मिलिट्री कैबिनेट लेफ्टिनेंट जनरल विंसेंट गिरोड से मुलाकात की। हिंद महासागर में चीन का दखल बढ़ रहा है। ऐसे में दोनों देशों ने इस पर भी चर्चा की। सीडीएस ने फ्रांस के लैंड फोर्स कमांड, फ्रेंच स्पेस कमांड और स्कूल ऑफ मिलिट्री स्टडीज का भी दौरा किया।
सीडीएस न्यवे-चैपल और विलेर्स गुइसलेन वॉर मेमोरियल भी गए। ये वॉर मेमोरियल प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों के बलिदान के सम्मान में बनाए गए हैं।